पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/१२७

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डाक्टर कुक और कमांडर पीरी में तुमुल वाग्युद्ध हो रहा है। एक दूसरे को अपदस्थ करने की कोशिश में अपनी पूरी पूरी शक्ति खर्च कर रहा है। तुम झूठे हो, तुम उत्तरी ध्रुव व तक हरगिज नहीं गये---इस प्रकार परस्पर एक दूसरे पर अभिशाप लगा रहा है। योरप भोर अमेरिका में दो पक्ष हो गये हैं। एक पीरी का दृष्टपोषक बना है, दूसरा एक का। ये दोनों ही महात्मा अमेरिका के रहने वाले हैं। इस कारण अमेरिका में इनके झगड़े की मात्रा बेहद बढ़ रही है। अखबारों में भी दो पक्ष हो गये हैं। एक पीरी की प्रशंसा के गीत गा रहा है, दूसरा कुक के। अमेरिका के प्रसिद्ध नगर न्यूगार्क के अधिकारियों ने कुक के दावे को सच समझ कर उनका बढ़िया सत्कार किया है। उधर अमेरका की संयुक्त रियासतों के भूतपूर्व प्रेसिडेन्ट रूजवेल्ट ने कमांडर पीरी ही से हाथ मिला कर उन्हें उत्तरी ध्रुव की चढ़ाई पर भेजा था। कमांडर पीरी अमेरिका की फौज में अफसरी कर चुके हैं। उन्होंने प्रेसिडेन्ट रूजवेल्ट ही के नामानुसार अपने जहाज का नाम 'रूजवेल्ट' रकवा था। इसी जहाज पर वे पहले और इक दफे भी उत्तरी ध्रुव की यात्रा करने गये थे। अतएव पीरी की कामयाबी पर रूजवेल्ट साहब को जरूर ही प्रसन्नता हुई होगी : न्यूयार्क की प्रधान भौगो-