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प्रबन्ध-पुष्पाञ्जलि

लिक सभा ने भी पीरी के कागजात की जाँच करके उन्हें यथार्थ माना है।

पीरी के पक्षपाती कुक की तरह खबर ले रहे हैं। उत्तरी अमेरिका में आलस्का एक जगह है। उसमें मेककिन्ले नाम का एक पर्वत है। उसके सर्वोच्च शिखर पर चढ़ जाना दुःसाध्य समझा गया था। कई वर्ष हुए डाक्टर कुक उस पर्वत पर चढ़े थे। बाद में उन्होंने प्रकाशित किया था कि मैं उसकी चोटी तक हो आया। अपने चड़ने उतरने का वृतान्त भी उन्होंने प्रकाशित किया था। जो मनुष्य उस चढ़ाई में उनके साथ था उसने अब, इतने दिनों बाद, हल्ला मचाया है कि डाक्टर कुक उस पहाड़ की चोटी तक गये ही नहीं। बीच ही से वे उतर आये थे और झूठ ही प्रकाशित कर दिया था कि मैं ऊपर तक हो आया। एक और तुर्रा सुनिए। ढाक्टर कुक कहते हैं कि उत्तरी ध्रुव की चढ़ाई के विषय के कागजात मैं अमुक टापू के अमुक नगर में अमुक मनुष्य के पास रख आया हूँ। उनके आने पर मैं अपनी यात्रा का वैज्ञानिक वर्णन प्रकाशित करूँगा। इस "अमुक" मनुष्य को लागों ने ढूँढ़ निकाला और कुक के कागजात को बात उससे पूछी। वह कहता है कि मेरे पास कुक के कागजात का एक चिट भी नहीं। हाँ, दो एक बकस कुक जरूर मेरे पास रख आये हैं। उनमें चाहे जो भरा हो, मैं नहीं जानता; वे सब बन्द हैं।