होंगे; हम को इस से क्या? आप की यह खबर व्यर्थ है। इस से हमें क्या फ़ायदा? इस से हमारा क्या उपयोग? यदि यह भी एक घटना है, और सही घटना है, तथापि तुम इसे बिलकुल ही व्यर्थ समझोगे। सांसारिक व्यवहारों से इस का कुछ भी सरोकार नहीं। तुम्हारी जिन्दगी के कर्तव्य कर्मों पर इस घटना का कुछ भी असर नहीं पड़ सकता। यह एक ऐसी घटना है जो तुम को अपनी ज़िन्दगी को पूरे तौर पर सार्थक करने में किसी तरह की मदद नहीं दे सकती। अच्छा, तो आप इसी उपयोग विषयक कसोटी से ऐतिहासिक घटनाओं के सम्बन्ध में भी काम लीजिए। उनकी भी कदर और कीमत इसी कसोटी की मदद से निश्चित कीजिए। ऐसा करने से हम जो कुछ कर रहे हैं; वह आपको ज़रूर सच मालूम होगा। वह आप के ध्यान में ज़रूर आ जायगा। इतिहास में जो घटनायें बयान की जाती हैं, उनका कार्य-कारण-भाव नहीं दिखलाया जाता; उन में परस्पर क्या सम्बन्ध है; यह नहीं बतलाया जाता। उससे उन घटनाओन के---उन बातों के---अधार पर कोई सिद्धान्त स्थिर नहीं किया जा सकता। जितनी घटनायें है उनका एक मात्र उपयोग यह है कि उनकी मदद से हम अपने चाल-चलन-सम्बन्धी-हम अपने सांसारिक-व्यौहार-सम्बन्धी--- नियम निश्चित कर सकें; हम यह जान सकें कि हमें
पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/४४
दिखावट