पृष्ठ:प्रबन्ध पुष्पाञ्जलि.djvu/८५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
७५
युद्ध-सम्बन्धी अन्तजातीय नियम


रूस ने अपनी दूसरी घोषणा में यह कहा कि कच्ची कपास ज्वालाग्राही पदार्थों के बनाने में काम आती है। इसीलिये वह "वर्जित" समझी जाती है। परन्तु सूत आदि शुद्ध कपास की चीज़ों जिनसे कपड़ा बुना जाता है "वर्जित" नहीं।

शत्रु राज्य में फैले हुये तार तोड़े और उस के खम्भे नष्ट-भ्रष्ट किये जा सकते हैं, परन्तु जिस तार द्वारा शत्रु का और किसी तठस्थ राज्य से सम्बन्ध हो उसका वही भाग तोड़ा जा सकता है जो शत्रु की भूमि पर हो। दो तटस्थ राज्यों के बीच में लगे हुए सामुद्रिक तार पर लड़ने वाले दल हस्तक्षेप नहीं कर सकते, परन्तु बहुधा ऐसा होता है कि लड़ने वाला वह राष्ट्र जो ऐसे तार के विशेष निकट हो उस पर इतना अधिकार प्राप्त कर लेता है कि जब चाहे तब वह उससे भी भेजी जाने वाली खबरों की जाँच पड़ताल कर सके। शत्रु के काग़ज़ पत्रों की गणना वर्जित वस्तुओं में है। जहाँ ऐसे क़ाग़ज-पत्र मिलते हैं, तुरन्त जब्त कर लिये जाते हैं।