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पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 1.djvu/४२९

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शेर पञ्चनद का प्रवीर रणजीत सिंह आज मरता है देखो, सो रहा है पञ्चनद आज उसी शोक म । यह तलवार लो ले लो यह थाती है।" प्रसाद वाङ्गमय ।। ३७८॥