पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 3.djvu/४२७

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क्या दूसरा खेत तुम नही पसन्द कर सकती? और भी तो खेत तुम्हारे पास नही, दूसरे खेत मेरे काम के नही । यदि बदलना हो तो उसी से बदल लूंगी? ____वाट्सन ने देखा कि यही पहला अवसर है कि एक किसान बदलने का प्रस्ताव करता है-वह भी उचित तो फिर अस्वीकार केसे किया जाय। वाट्सन ने कहा-यह वदला फिर मान लिया जाय; क्योकि खेत के परते में भी कोई अन्तर नहीं है। __महँगू खिसिया गया। उसकी आँखो मे फिर ऑसू निकलने लगे । तव तितली ने अपने बच्चे को लहराते हुए कहा तो मैं जाती हूँ, वच्चा भूखा है ! धन्यवाद ! शैला ने देखा कि एक ठोकर खाया हुआ हृदय अपनी दुरवस्था में उपेक्षा से उनका तिरस्कार कर रहा है, शैला इन्द्रदेव से ब्याह कर लेने पर बहुत दिनो तक धामपुर नहीं आई । लिखा-पढ़ी करने पर इस सरदी में वाट्सन अपना काम पूरा करने आये । तब तो उसको आना ही पडा, और आकर भी वह तितली से मिलने का अवसर न पा सकी; क्योकि वाट्सन साथ ही आये थे। इधर इन्द्रदेव ने भी घडे दिनो मे वहीं आने के लिए कह दिया था। शैला कुछ-कुछ मानसिक चवलता में थी । तितली को यह अखर गया । वह दुर्वल थो, असहाय थी। उसकी खोज लेना बडे लोगों का धर्म हो जाता है। इसीलिए तितली काम करके तुरन्त लोट जाना चाहती थी। उसने जो वाक्य अपने जाने के लिए कहा, वह भी सीधे शेला से नही। तब भी शैला कुर्सी से उठ कर तितली के पास आई । उसका हाथ पकडे हुए दूसरे कमरे में चली गई। ___ वाट्सन ने तितली को.एक शुभ लक्षण समझा । भला इस स्त्री ने पहले-पहल उस काम की महता को समझा तो । काम आरम्भ हो गया। अब धीरे-धीरे वह किसानों को सांचे में ढाल लेगा । उसे शैला की मनस्तुष्टि के लिए क्या-क्या नही कर लेना चाहिए । उसने काम को आगे बढाया । शैला ने तितली के बच्चे को उसकी गोद से लेकर कहा-बड़ा मुन्दर और प्यारा बच्चा है ! परन्तु अभागा है--तितली ने कहा। तुम क्या अभी उसको प्यार करती हा ? वह...। -शैला आगे कुछ बुरे शब्द मधुवन के लिए न कह सकी। तितली ने कहा-वह ! माकू, हत्यारा और चोर या या नहीं, सो तो मैं नही रह सकती; क्योकि चोवीसो घटे में साथ रही, फिर भी शैला ! वह...। तितली: ४०३ -