पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 3.djvu/४५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

नही, म दुनही पाहिए। मे पा! मधुरन र भार धारधार मगहर हा रामममही 1-फर उठली पी-मरो को गभी है, र भागद पाल र निए उपप्र ISM, मरन पर भी कार हार और जितनी ! उममा गा|माह भगवाम-मरण श्रीगर काम में गन्दा पिप बगर । महरि पनपा । ४२६ : प्रसार याङ्मय