- कारण था। इसीलिए 'इंडो-सुमेरियन सभ्यता' शब्द को हटा कर उसके स्थान पर "सिंधु की सभ्यता' रखा गया। इस 'इंडो-सुमेरियन' सभ्यता का विश्वास करने का कारण, प्रोफेसर इलियड स्मिथ जैसे विद्वानों की सम्मति है। वे लिखते हैं-"सुमेरिया की मूल जाति की पूर्वीय और पश्चिमीय शाखायें ही क्रमशः भारत और ब्रिटिश द्वीपपुंज एवं आयर्लंड में पहुंची।" उसी ग्रंथ की भूमिका में लिखा है- "आधुनिक खोजों ने यह सिद्ध कर देने की चेष्टा की है कि बेबिलोनिया के सुमेरियन, प्राग ऐतिहासिक काल के मिस्र- निवासी, उन्नत प्रस्तर युग के यूरोपीय तथा दक्षिण फारस और भारत के आर्य एक ही जाति के मनुष्य थे।" अभी तक सुमेरिया की सभ्यता को सबसे प्राचीन मानने के कारण 'इंडो- सुमेरियन' नाम देना निर्बाध समझा जाता था, किंतु अत्यंत नयी खोजों ने ऐतिहासिकों को मिंधु की एक स्वतंत्र सभ्यता मान लेने के लिए विवश किया। इस प्रकार इन शोधों के आधार पर ही अब वह कहा जा सकता है कि अवशिष्ट चिह्नों के द्वारा भी भारत अपनी प्राचीनता प्रमाणित कर सकता है । यपि आर्यों की आत्मवाद- प्रणाली अत्यंत प्रानीन काल से ही भौतिक सत्ता के प्रदर्शनों में उतनी श्रद्धा न रखती थी, ऐसा मेरा अनुमान है, ऋषियों की वाणी मे माननीय महत्त्व को अमर f. With the progress of exploration, however, it has become evident that the connection with Mesopotamia was due, not to actual identity of culture bul to intimate commercial or other intercourrse between the two countries. For this reason the term "Indo-Sumerian" has now been discarded and "Indus" adopted in its place (B. H. U. Magazine 1928). P. This distinguished ethnologist is frankly of opinion that the Sumerians were the copgeners of the pre-dynastic Egyptians of the mediterranean (or Brown race) the eastern branch of which reaches to India and the western to British Isles and Ireland (P. 7, Myths of Babylynia) 3. The result of modern research tend to establish a remote racial connection between the Sumerians of Babylonia, the Prehistoric Egyptians and the Ne.lithic (late stoneage) inhabitants of Europe as well as the southern Persians and the "Aryans of India. (P. XXX-Myths of Babylonia). प्राचीन आर्यावर्त्त-प्रथम सम्राट इन्द्र और दाशराज्ञ युद्ध : १११
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