पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 5.djvu/२५०

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माना है उसके प्रसिद्ध हम्मुरब्बी के सिंहासनों को कंपाने वाले यही क्षत्रिय थे जिन्हें Hittite कहकर पाश्चात्य शोधकों ने घपले में डाल रखा है। Khatti जाति की सभ्यता ३००० बी० सी० से पहले की है।' यहूदियों के सर्व-प्रधान व्यक्ति Abraham ने Ephron खत्ती से भूमि ली थी। अस्तु । यह मानी हुई बात है कि प्रसिद्ध सार्गन ने चैल्डिया में सेमेटिक वंश की स्थापना की थी। इसके पहले के शासन करने वाले सेमेटिक नही थे। सार्गन के पहले भी- ३००० ई० पूर्व में - क्षत्रियों की सभ्यता सुदूर पश्चिमी दक्षिणी एशिया मे सूसा से आरमीनिया तक सर्वत्र व्याप्त थी। ये भी आर्यो के समान पितृ-देवों की ही उपासना करते थे, सेमेटिक लोगों के समान मातृ-उपासक नही थे ।' आरमीनिया के वान प्रदेश के शिलालेखों की भाषा Dr. Syce ने प्रमाणित कर दिया है कि पूर्वकालिक आर्मीनियम लोग न तो सेमेटिक थे न तूरानी थे, उनका विचार है, और यह विचार प्रतिदिन पुष्ट होता जा रहा है कि वे भत्रिय वंश की एक शाखा थे। आरमीनियन लोग अब तक आर्य जाति के माने जाते है. और उस प्रारम्भिक काल में भी भाषा के विचार से वे मेमेटिक नही थे। आर्य-भाषा-भापियों की विजय का संकेत उस प्राचीन प्रागऐतिहासिक काल मे सुमेरिया और इलाम के लेखों मे देखकर पाश्चात्य लोग आश्चर्य तो प्रकट करते है, परन्तु वहां की स्पष्ट आर्य-सत्ता को स्वीकार करने मे उन्हें संकोच होता है। इन ऊपर के अवतरणों से मुझे यह दिखला देना था कि सुमेरिया और असीरिया, ईजिप्ट तथा बावुल मे प्रारम्भिक काल से ही आर्य-सस्कृति का प्राधान्य था और वे उन्ही आर्यो की सन्तान थे, जिन लोगो ने प्राचीन आर्यावर्त से देव-असुर द्वंद्व होने के कारण सुदूर देशो मे जाकर अपने लिए घर बनाया और उन देशों मे बसने वाली आदिम जातियों से मिलकर धार्मिक आदान-प्रदान के द्वारा एक नवीन- आर्यों से बिल्कुल स्वतन्त्र - सम्प्रदाय प्रवर्तित किया । और, यह भी प्रमाणित करना 1 f. Myths of Babylonia, (p. 263). R. Myths of Babylonia, (p. 105). 2. Mr. Syce has conclusively shown from the language of monuments at Van (alur 37 ?) that the Froto-Armenians were not semites neither were they. Turanians. He thinks and the conclusion is gaining wider and firmer ground that they were a branch of the great Hittite 205, The story of the Nations series Assyria). १५०: प्रसाद वाङ्मय