पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/४१

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पाठ वृक्षों पर भूमि और जलवायु का प्रभाव बालको ! जिस प्रकार मनुष्यों पर जलवायु का प्रभाव पड़ता है, उसी प्रकार पौदों और दूसरे पशुओं पर भी जलवायु का बड़ा प्रभाव पड़ता है यदि तुम गरम ऋतु की तरह शरद् ऋतु में भी वैसे ही ठंढे कपड़े पहिनो तो नुम अवश्य बीमार पड़ जाओ । परन्तु मनुष्य में परमात्मा ने इतनी बुद्धि दी है कि वह अपनी रक्षा शरद् ऋतु में गरम कपड़ों द्वारा कर सकता है। और दूसरे जीवों की प्रकृति भी परमात्मा ने ऐसी ही बनाई है कि वे ऋतुओं का सामना कर सकते हैं। तुम देखते हो कि भारतवर्ष में दो प्रकार की खेती होती है, एक शरद् ऋतु में और दूसरी गरम ऋतु में। शरद् ऋतु में गेहूँ, जौ इत्यादि बोये जाते हैं और गरम ऋतु में कपास, ज्वार इत्यादि । यदि तुम गेहूँ, चना इत्यादि गरम ऋतु बोओगे तो वे पौदे गरमी नहीं सह सकेंगे । इसी प्रकार यदि तुम शरद् ऋतु में कपास, ज्वार इत्यादि बोरोगे तो वे पौदे पनप नहीं सकेंगे। जिस प्रकार भारतवर्ष के रहनेवाले उत्तरी ध्रुव की सर्दी में Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri