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पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/४७

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पाठ १०

वायु का दबाव

बालको! हमारे ऊपर और चारों ओर बहुत सी खाली जगह है। इसको आकाश या वायुमण्डल कहते हैं। इस खाली जगह में ऐसी वस्तु भरी हुई है कि जिसको हम देख नहीं सकते। यह वस्तु वायु और भाप है। अभी तक किसी मनुष्य ने इस बात का ठीक २ अनुमान नहीं किया है कि यह खाली जगह या आकाश हमारे ऊपर कितनी दूर तक है। कुछ विद्वान् इसकी ऊंचाई २०० मील से अधिक बतलाते हैं।

इतनी ऊंचाई पर वायु ऐसी नहीं है जैसी कि पृथ्वी के पास है। वहां की वायु पृथ्वी के पास की वायु से अधिक हलकी है। तुम जितने ऊँचे चढ़ते जाओगे, हवा उतनी ही हलकी होती जावेगी। बहुधा ऐसा देखा जा चुका है कि जब मनुष्य अधिक उंचाई पर गये हैं तो उनके प्राण जोखिम में पड़ गये हैं। इसका क्या कारण है? इसका केवल यही कारण है कि ऊपर की वायु पृथ्वी के पास की वायु से अधिक हलकी है और इसी से अधिक उंचाई पर जाने से शरीर को कष्ट मिलता है।