पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/४८

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। ( ४० ) ऊपर वायु का बोझ कम है तो भी वह पृथ्वी के पास की वायु पर कुछ न कुछ अपना दबाव अवश्य डालती है । या यह कहना चाहिये कि हवा में बोझ है । वायु के इस दबाव को 'वायुभार' कहते हैं । जिस प्रकार पानी के ऊपरी भाग का दबाव पानी के नीचे के भाग पर पड़ता है उसी प्रकार वायु के ऊपरी भाग का दबाव उसके नीचे के भाग पर अथवा पृथ्वी के पास की वायु पर पड़ता है। वायु का दबाव मालूम करने के लिये एक यंत्र निकाला गया है। उस यंत्र को 'बैरोमीटर' कहते हैं। बैरोमीटर एक कांच की नली होती है जिसमें पारा भरा होता है । यह इस प्रकार बनाया जाता है कि वायु के भार का प्रभाव पारे पर पड़ता है और उस नली में पारा चढ़ता आरसनला म और उतरता है। बैरोमीटर का बनाना-कांच की एक ३३ इंच लम्बी नली लो और उसका एक सिरा आग की लौ' पर रख कर बंद कर लो। अब इस नली में पारा भर दो, एक और दूसरा बर्तन लो और उसमें भी पारा डाल दो। फिर इस पारेवाली नली को बर्तन में उलट दो । ऐसा करने से पारा नली में उतरता हुआ दिखाई देगा । लग- भग ३० इंच की उंचाई पर पारा रुक जावेगा और नीचे Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri