पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/६२

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(तेज़ाब काम में लाते समय बड़े ध्यान की आवश्यकता है, इसको हाथ, कपड़े या किसी और वस्तु से न छूना चाहिये । इससे काम करने में शीशे के वर्तनों का उपयोग करो)। और उसमें नीला लिटमस डाल दो। ऐसा करने से नीला लिटमस लाल हो जावेगा। इससे यह बात सिद्ध हुई कि तेज़ाब खट्टे होते हैं क्योंकि सब खट्टी वस्तुएँ नीले लिटमस को लाल कर देती हैं।

इसी प्रकार नमक, शोरा इत्यादि का तेज़ाब लो और यही प्रयोग करो । ऐसा करने से तुमको मालूम होगा कि सब तेजाब नीले लिटमस को लाल कर देते हैं । अथवा यह कहना चाहिये के सब तेज़ाब खट्टे होते हैं।

अब तुम शुद्ध तेज़ाब कीथोड़ी २ बूंदें काग़ज़, कपड़ा,लकड़ी, पत्थर इत्यादि पर रक्खो और देखो क्या परिणाम होता है। यह सब वस्तुएँ गल जावेगी या जल जावेगी । काग़ज़, कपड़ा और लकड़ी गल कर काले जावेंगे और ऐसा प्रतीत होगा, मानो जल गये हैं। पत्थर पर झाग से उठने लगेंगे।

इससे यह परिणाम निकला कि शुद्ध तेज़ाब वस्तुओं को जला या गला देते हैं।

अब तुम शीशे के एक गिलास में बहुत थोड़ा सा शुद्ध तेज़ाब लो और उसमें थोड़ा सा पानी डालो।

Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri