पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/६९

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पाठ १८ वायुप्रवाह अब हम तुमको यह एक ऐसा यंत्र बनाना बतलाते हैं, कि जिससे तुम चाहे जिस समय वायु का प्रवाह बतला सकते हो। + चित्र सं० २७ लकड़ी का एक चौकोर या गोल टुकड़ा लो और उस में एक लम्बी तान( यह ताने लोहे की होती हैं और बाइस्किल वालों की दुकानों पर बिकती हैं ) गाड़ दो । Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri