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प्राचीन पंडित और कवि

८० प्राचीन पडित और कवि (६) शभुनाथ मिश्र । खजुरिगाँव । १२ मील । खजुरि गॉच के राजा यदुनाथसिंह के कवि और वैस-वशावली के लेसक। (१०) चिरजीच* । लोग कहते है कि इन्होंने महाभारत । का अनुवाद हिंदी में किया है। (११) महानंद वाजपेयी* । इन्होंने वृहच्छिापुराण का अनुवाद हिंदी में किया है। (१२) पंचम । डलमऊ । २० मील। (१३) गगादयालु द्विवेदी । निसगर । २ मील । संस्कन के अच्छे विद्वान् , हिंदी और सस्कृत दोनों के उत्तम कवि, सगीतशास्त्र के पारदीं। इनका शरीर-पात हुए अभी थाड ही दिन हुए। (१४) गुणाकर त्रिपाठी। कॉथा । २६ मील । सस्कृत और हिंदी दोनों के अच्छे कवि । (१५) कालीचरण वाजपेयो । विगहपुर । १२ मील। (१६) मूनू कधि । असोथर । २६ मील । अनेक प्रथा के कर्ता, जिनमें से राम-रावण का युद्ध मुख्य है। (१७) सुदर कवि। श्रसनी। १४ मोल । रस प्रोत्र के कर्ता।

  • नबर १० और ११ वैमवाडे ही के कवि हैं, परतु, इसका पर

नहीं लगता कि वे कहा के निवासी थे।