जीवन वृत्त उपाध्याय पण्डित बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' 'अब' के पूर्वज जिला बस्ती,. उत्तर प्रदेश के निवासी थे। आपके पूर्वजों ने खोरिया ग्राम से चल कर, सुलतानपुर जिला के दोस्तपुर ग्राम में निवास किया और फिर प्रेमघन जी के पितामह पण्डित जगन्नाथप्रसाद ने नवाबी के समय में जिला आजमगढ़ के दत्तापुर ग्राम में अपना निवासस्थान बनाया, जहाँ पर प्रेमघन जी का जन्म भी हुआ, और उसी ग्राम की लीला तथा ऐश्वर्य का वर्णन उन्होंने जीर्ण जनपद काव्य में किया है। आपका वंश-. वृक्ष इस प्रकार है: पं० जगन्नाथप्रसाद - शीतलप्रसाद गुरुचरणलाल प्रथम स्त्री द्वितीय स्त्री तृतीय स्त्री । चन्द्रचूडप्रसाद चन्द्रमौलि दुष्यन्त श्रीनिवास 8 ३ ४ ७ - पं० बदरी- बासुदेव- मथुराप्रसाद यदुनाथ हरिश्चंद्र अनंतप्रसाद लोचन- नारायण प्रसाद प्रसाद प्रसाद पं० प्रभाकरेश्वरप्रसाद दिनेशनारायण एम० ए० सुरेशनारायण बी० एस-सी०, एल-एल० बी०, एडवोकेट राजीवरंजन बी०एस-सी० तारकेश्वर सोमेश्वर पण्डित शीतलप्रसाद जी बड़े कर्तव्य-परायण व्यक्ति थे। आपने अपने घर से निकल कर मिरजापूर शहर जो उस समय की लक्ष्मीपुरी थी, व्यवसाय हेतु प्रस्थान.
पृष्ठ:प्रेमघन सर्वस्व भाग 1.djvu/१६
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