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रंग की पिचकारी

होली की इस ठठोली को निरी ठठोली ही जान वैद्य की गोली सी न पचा जायँगे। यदि वे ऐसा करेंगे, तो सचमुच गाली खाएँगे, अन्यथा इस बोली ठोली पर प्रसन्न हो बुरा न मान वे अवश्य ही प्रसन्नता का प्रमाण दे हमें अनुगृहीत बनायेंगे।