पृष्ठ:प्रेमघन सर्वस्व भाग 2.pdf/३३

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समाचारपत्र या अख़बार किसे कहते हैं

समाचार पत्र को जिसे प्रायः अन्य ऐसे मनुष्य कि जो भली भाँति इसके स्वाद से वञ्जित हैं, केवल यही समझ लिया है, कि कलकत्ते में एक लड़की हुई जिसके एक सींग, दो नाक, तीन हाथ, चार पैर और पाँच आँखें हैं। ऐसी ऐसी बे सिर पैर की खबरें और समाचार पंसारियों की पुड़ियाँ बाँधने के लिए छपे काग़ज़ की पोटली या पुलिन्दा को समाचार पत्र न्यूज़ पेपर और अख़बार कहते हैं। परन्तु वस्तुतः जब विचार कर विचार जनों के विचार के अनुसार विचारी तो यह आजकल के काल का कल्पद्रुम है, और सबी अच्छी और उत्तम देशोन्नति, विद्या, बुद्धि, सभ्यता के प्रचार का उपाय, और देश वा जातियों में एकता के उत्पन्न करने को और फूट के फल के सेवन से उत्पन्न रोगमात्र की एकमात्र औषधि और राजा और प्रजा के बीच की सत्य इच्छा और दुख सुख तथा प्रसन्नता और अप्रसन्नता प्रगट करने का एक उत्तम सम्बन्ध है; जो दीन अवस्था में पड़े एक देश के भाइयों की दशा को.जता दूसरे देश-बान्धवों से उनका उपकार कराने वाला धर्म कार्य, एक छोटी सी बात को भी दूर दूर के बड़े बड़े मनुष्यों पर विदित करने में समर्थ दूत यही है।

अमेरिका वालों ने आज कौन सी कल की नई रचना की और योरोप ने कल कौन सी नई उन्नति की है, लन्डन और फ्रान्स में क्या रौनक है अयोध्या और इन्द्रप्रस्थ की क्या उजाड़ सी सूरत है, अगरेज़ कैसे विद्वान, ज्ञानमान, वीर और क्या साहसी हैं, हिन्दू कैसे मूर्ख, निर्बुद्धि, कायर और आलसी हो गए हैं, हम लोगों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए, वा मूँछ पर ताव देना चाहिए; चोली, कुर्ती, ओढ़नी, ओढ़ पर्देनशीन होना चाहिए वा निर्लज्ज हो कोट, पतलून, चुर्ट धारण कर व्यर्थं मिथ्या अगरेज बन मिस्टर गड्डामियर कहलाना चाहिए; इन बातों को एक जिह्वा से कह करोड़ कानों में पहुँचा देना यह इसी का काम है! यह वह सैरवीन है जो घर बैठे सारे संसार का सैर कराती है, और यह वह नाट्यशाला है जो देश के प्रत्येक दशा का दृश्य दिखा योग्या-योग्य कार्य और कर्तव्य कथा के प्रबन्ध का तमाशा दिखाता है, फिर क्या धर्म क्या कर्म क्या