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भई बधाई मंगलचार। होत बेद रीति ब्यौहार॥
इतनी कथा कह श्रीशुकदेवजी बोले कि महाराज, इस भाँति श्रीकृष्णचंदजी पाँच ब्याह कर लाए, तब द्वारका में आठो पटरानियों समेत सुख से रहने लगे औ पटरानियाँ आठो पहर सेवा करने लगीं। पटरानियो के नाम रुक्मिनी*[१], जामवंती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रविदा, सत्या, भद्रा, लक्षमना।
- ↑ * (क), (ख)-दोनो मे रोहिनी नाम है पर यह अशुद्ध है। शुद्ध नाम रुक्मिणी है।