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प्रेमाश्रम


ज्ञान-अजी आप लोगों को तो सैकडों हथकडे मालूम है, किसी भी शिकंजे में कस लीजिए?

गौस-हुजूर, मौरूसी असामी है। यह सब जमीदार को कुछ नहीं समझते। उनमे एक का नाम मनोहर है। बीस बीघे जोतता है और कुल ५० रु० लगान देता है। आज उसी आराजी का किसी दूसरे असामी से बदोबस्त हो सकता तो १०० रुपये कही नहीं गये थे।

ज्ञानशंकर ने चचा की ओर देख कर पूछा, आपके अधिकांश असामी दखलदार क्यों कर हो गये?

प्रभाशंकर ने उदासीनता से कहा, जो कुछ किया होगा इन्हीं कारिंदो ने किया होगा, मुझे क्या खबर?

ज्ञानशंकर-(व्यंग से) तभी तो इलाका चौपट हो गया।

प्रभाशंकर ने झुंझला कर कहा, अब तो भगवान की दया से तुमने हाथ-पैर संभाले, इलाके का प्रबंध क्यों नहीं करते?

ज्ञान-आपके मारे जब मेरी कुछ चले तब तो।

प्रभा-मुझसे कसम ले लो, जो तुम्हारे बीच कुछ बोलूं, यह काम करते बहुत दिन हो गये, इसके लिए लोलुप नहीं हूँ।

ज्ञान-तो फिर मैं भी दिखा दूंगा कि प्रबंध से क्या हो सकता है?

इसी समय कादिर खाँ और मनोहर आ कर द्वार पर खड़े हो गये। गौस खाँ ने कहा, हुजूर, यह वही असामी है, जिसका अभी मैं जिक्र कर रहा था।

ज्ञानशंकर ने मनोहर की ओर क्रोध से देखकर कहा, क्यों रे जिस पत्तल मे खाता है उसी मे छेद करता है? १०० रुपये की जमीन ५० रुपये मे जोतता है, उस पर जब थोड़ा सा बल खाने का अवसर पड़ा तो जामे से बाहर हो गया?

मनोहर की जबान बंद हो गयी। रास्ते मे जितनी बाते कादिर खाँ ने सिखायी थी, वह सब भूल गयी।

ज्ञानशंकर ने उसी स्वर मे फिर कहा, दुष्ट कहीं का! तू समझता होगा कि मैं दखलदार हूँ, जमींदार मेरा कर ही क्या सकता है। लेकिन मैं तुझे दिखा दूंगा कि जमींदार क्या कर सकता है? तेरा इतना हियाव है कि तू मेरे आदमियों पर हाथ उठाये?

मनोहर निर्बल क्रोध से कांप और सोच रहा था, मैंने धी के रुपये नही लिये, वह कोई पाप नहीं है। मुझे लेना चाहिए था, दवाव के भय से नहीं, केवल इसलिए कि बड़े सरकार हमारे ऊपर दया रखते थे। उसे लज्जा आयी कि मैंने ऐसे दयाल स्वामी की मात्मा के साथ कृतघ्नना की, किंतु इसका दंड गाली और अपमान नहीं है। उसका अपमानाहत हृदय उत्तर देने के लिए व्यग्र होने लगा। किंतु कादिर ने उसे बोलने का अवसर न दिया। बोला, हुजूर, हम लोगों की मजाल ही क्या है कि सरकार के आदमियों के सामने सिर उठा सके? हाँ, अनपढ़ गंवार ठहरे, बातचीत करने का सहूर नहीं है, उजड्डपन की बाते मुंह से निकल आती है। क्या हम नहीं जानते कि हुजूर