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पृष्ठ:बा और बापू.djvu/२९

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28 बा मोर बापू मे भेज ही देना। मरने के बाद मेरी देह पर वही साडी लपेटनी साधारणतया 'बा' की साडी अपने काते सूत को ही बनती थी। और 'बा' चिता पर चढी तव भी बापू के हाथ से कते सूत की साडी उनके शरीर पर शोभायमान थी।