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पृष्ठ:बा और बापू.djvu/४५

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नौ अगस्त प्रात काल चार बजे नियमित समय पर बापू जब प्राथना के आसन पर बैठे तो महादेव भाई ने कहा, "रात एक बजे तक टेलीफोन आते रहे हैं कि आपको पक्डने आ रहे है ।" बापू ने कहा, "मुझे कोई नही पकडेगा, सरकार इतनी मूर्ख नहीं है कि मेरे जैसे मित्र को पक्डे ।" और वे प्रार्थना मे लीन हो गए। प्रार्थना के बाद बापू विश्राम करते थे। साढे पाच बजे विश्राम कर ही रहे थे कि महादेव भाई दौडे हुए आए और बोले, "बापू, पकडने आए हैं।" बापू झट तैयारी में जुट गए। पुलिस अफसर ने कुल आध घण्टे का समय दिया था। सबसे मिलकर यह प्रार्थना की और यह गीत गाया भजता हजी कोई नो लाज जती नथ जाणी रे।' छ बजते-बजते बापू, महादेव भाई और मीरा बहिन पुलिस की मोटर में बैठ गए । 'या' भी चलना चाहती थी । बापू ने कहा, "तू न रह सफे तो भले ही चल, परन्तु मैं चाहता तो यह है कि तू मेरे साथ आने के बदले मेरा काम कर।" 'या' के लिए सकेत काफी था। 'वा' रुक गई। उसो शाम को बापू शिवाजी पार्क की एक आम सभा मे भाषण देने वाले थे। अब 'या' ने घोषणा की कि ये भाषण देंगी। यापू की गिरफ्तारी से सारे भारत में बिजली की लहर दौड गई पी और कार्यकर्ताओ ने मुड के झुड 'विहला हाउस' में आ 'हरिने