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58 बा और बापू
 


जाने देते थे। आभा और मनु के कन्धो पर पूरा भार देकर वे कभी-कभी ऊपर लटक जाते थे और यह लडकिया उन्हे इसी हालत मे ले चलती थी। तब बापू का यह बाल-भाव देख उपस्थित जन हसते-हसते लहालोट हो जाते थे। वे सदा निभय और असदिग्ध रहे।