पृष्ठ:बिहारी-रत्नाकर.djvu/३४९

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1. छाक रसात चुक्नु स्वेद चुनरी स्याम चिलक चिकनई चिरञ्जीवा चितु वितु वचनु चितु दे देखि चितु तरमनु चितवनि रुग्वे चितवनि भागे चितवत जितवत चित पितमारक चितई ललचाह चाह भरी चाले की बात चल्या जाइ चल चले चलित ललित चलन न पाउनु चलतु बरु অলর দায় चल देत चलते चलते [ छ ] चमचमात दोहा की अकारादि सूची ! १२

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५४७ ५४७ २६२ २६२ : ५१६

  • * * * * * * * * * * * * * * * * ६ ६ * * * * * * * * * * * *
  • * * * * मानसिंह की टीका * * * * * | बिहारी-रत्नाकर

बिहारी रत्नाकर टीका | ५२७ | ५६० | ५६५ | ५५७ | ५२१

  • * * * 2 ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ हरिप्रकाश-टीका * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * | लाल-चंद्रिका * * * * * * ० ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ | श्रृंगार-सप्तशती

की टीका

  • * * * * * हैं ० ०

० ० * ० * ० ० ० ० * * * | रस-कौमुदी