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पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/१३६

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बौद्ध-धर्म-साहित्य तत्कालीन आचार-विचार, समाज नीति आदि अनेकों बातों का अच्छा पता लगता है। मिलिन्द पन्हो-में काबुल के राजा मिलिन्द तथा बौद्ध सन्यासी नागसेन का धर्म विषयक सम्वाद है। बहुत से विद्वानों का मत है कि यह ग्रन्थ ईसा से २०२ वर्ष पहले का बना हुआ । घोष का दीपवंश और महावंशः-ये दो ग्रन्थ ई० सन् की चौथी या पाँचवीं शताब्दी में लिखे हुए सिंहल द्वीपके प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं। इनमें सीलोन का इतिहास है। महावंश नामक ग्रन्थ महानाम नामक एक सिंहली पण्डित का लिखा हुआ है। इसके १०० अध्याय हैं। इसके ३७वें अध्याय में बुद्ध घोष का चरित्र है । इस बुद्ध लिखा विशुकि मग नामक साहित्य, दर्शन, विज्ञान, इतिहास आदि आ अपूर्व भण्डार है । इसको बुद्धघोष का समकालीन बताया जाता है। ललित बिस्तर, बुद्धचरित्र, सद्धर्म, पुण्डरीक आदि कितने ही अन्थों का चीनी तथा तिब्बती भाषाओं में अनुवाद हुआ है। इन्हीं सब ग्रन्थों के आधार पर कुछ नई पुस्तकें भी लिखी गई हैं। तिब्बत में एक रत्नराज नामक भिन्नु हुआ है उसने एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रन्थ लिखा है। 'क्याँग-र' नामक तिब्बती ग्रन्थ-संग्रह में 'गछेद-कोल्ह' नामक एक ग्रन्थ है जो अभी तक अप्रकाशित है। प्रो० रीज डेविड्स का कहना है कि संस्कृत के 'महाभिनिष्क्रमण सूत्र नामक ग्रन्थ का चीनी भाष में अनुवाद ई० सन् की छठी