१७७ महान बुद्ध सम्राट अशोक और जो लोग बहुत-सा दान नहीं देते, वे भी अपनी इन्द्रियों को दमन और आत्मा को पवित्र कर सकते हैं, और अपनी भक्ति में कृतज्ञता और सचाई रख सकते हैं, और यही प्रशंसनीय है। सूचना ८- प्राचीन समय में राजा लोग अहेर खेलने जाया करते थे । यहाँ इस भूमि के नीचे वे अपने जी बहलाने के लिए शिकार तथा अन्य प्रकार के खेल करते थे। मैं, देवताओं के प्रिय राजा, पियदसी ने अपने राज्याभिषेक के दस वर्षों के उपरान्त सत्य ज्ञान को प्राप्त किया । अतएव मेरे जी बहलाने के कार्य ये हैं, अर्थात् ब्राह्मणों, श्रीमानों से भेंट करना, और उनको दान देना, बृद्धों से भेंट करना, द्रव्य बॉटना, राज्य में प्रजा से भेंट करना और उन्हें धार्मिक शिक्षा तथा धार्मिक विपयों पर सम्नति देना । इस प्रकार देवताओं का प्रिय राजा पियदसी अपने भले कर्मों से उत्पन्न हुए सुख को भोगता है। सूचना 8- देवताओं का प्रिय राजा पियदसी इस प्रकार चोला । लोग बीमारी में, पुन वा कन्या के विवाह में, पुत्र के जन्म पर, और यात्रा में जाने के समय भिन्न-भिन्न प्रकार के विधान करते हैं। इन अवसरों तथा ऐसे ही अन्य अवसरों पर लोग भिन्न-भिन्न विधान करते हैं। परन्तु ये असंख्य और भिन्न प्रकार के विधान, जिन्हें अधिकांश लोग करते हैं, व्यर्थ और निरर्थक हैं। परन्तु इन सब रीतियों को करने की चाल बहुत दिनों से चली आती है, यद्यपि
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