पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/१६८

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१८१ महान बुद्ध सम्राट-अशोक सूचना १३-- कलिंग का देश, जिस देवताओं के प्रिय गजा पियदसी ने जीता है, बहुत बड़ा है। इसमें लाखों जीव और लाखों प्राणी गुलाम बनाये गये हैं, और लाखों का वध किया गया है। कलिंग विजय करने के समय से देवताओं का प्रिय राजा धर्म की ओर फिरा है, धर्म में रत है, धर्म के लिए उत्सुक है और उसने अपने को धर्म के प्रचार में लगाया है-कलिंग विजय करने पर देवताओं के प्रिय को इतना अधिक पश्चात्ताप हुआ। इस देश को, जो मेरे अधीन नहीं था, विजय करने में देवताओं के प्रिय ने देशवासियों के वध और गुलाम बनाये जाने के लिए बहुत अधिक पश्चात्ताप किया है। सर्वत्र ब्राह्मण या श्रीमान, सन्यासी या गृहस्थ लोग रहते हैं, और ऐसे लोगों में अधिकारियों के लिए सत्कार, माता- पिता की आज्ञा मानना, मित्रों और सम्बन्धियों से प्रीति, नौकर पर ध्यान रखना और भक्ति में सचाई पाई जाती है । ऐसे मनुष्यों पर कठोरता होती है, उनकी मृत्यु होती है, तथा प्रिय लोगों से उनका वियोग होता है। और, यदि विशेष रक्षा में रहकर वे स्वयं हानि से बच भी जायँ, तो भी उनके मित्र, जान-पहचान के लोग, संगी और सम्बन्धी लोग उजड़ जाते हैं और इस प्रकार उन्हें भी क्लेश उठाना पड़ता है । मैं, जो देवताओं का प्रिय हूँ, इस प्रकार की कठोरताओं का बड़ा अधिक अनुभव करता और उन पर पश्चात्ताप करता हूँ, कोई ऐसा देश नहीं है। और किसी देशमें कोई ऐसा स्थान नहीं है,जहाँ लोग किसी-न-किसी धर्म को न मानते हो। 27 ,