सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/७४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

बौद्ध-संघ के भेद वस्तुओं के आन्तरिक और बाह्य दृष्टि से दो भेद किये हैं-एक का नाम संस्कृत-धर्म और दूसरे का असंस्कृत-धर्म है। आन्तरिक विभाग में रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार और विज्ञान, ये पाँच स्कन्ध हैं। चक्षु इन्द्रिय आयतन, श्रोत्र इन्द्रिय आयतन, प्राण इन्द्रिय आयतन, जिह्वा इन्द्रिय आयतन, काय इन्द्रिय आयतन, मन इन्द्रिय आयतन, रूप इन्द्रिय आयतन, गन्ध इन्द्रिय आयतन, शब्द इन्द्रिय आयतन, रस इन्द्रिय आयतन, स्पर्श इन्द्रिय आय- तन, धर्म इन्द्रिय आयतन-ये द्वादश आयतन कहलाते हैं। चनु इन्द्रिय धातु, श्रोत्र इन्द्रिय धातु, घ्राण इन्द्रिय धातु, जिला इन्द्रिय धातु, काय इन्द्रिय धातु, मन इन्द्रिय धातु, रूप धातु, शब्द धातु, गन्ध धातु, रस धातु, स्पर्श धातु, धर्म धातु, चनु विज्ञान धातु, श्रोत्र विज्ञान धातु, घाण विज्ञान धातु, जिल्हा विज्ञान धातु, काय विज्ञान धातु और मन विज्ञान धातु-ये अष्टादश धातु कहलाती हैं। ये आन्तरिक विभाग के ३५ भेद हुए। वाह्य विभाग के ७५ भेद हैं- रूप १२-५ इन्द्रियाँ, ५ विषय, १ अविज्ञप्ति रूप, १ चित्त । चैत्त ४६-१० महाभूमिका धर्म-१ वेदना, २ संज्ञा, ३ चेतना, ४ स्पर्श, ५ छन्द, ६ प्रज्ञा, ७ स्मृति, ८ मनरकायर, अधिमोक्ष, १० समाधि। १० कुशल महाभूमिका धर्म- (१) श्रद्धा (२) प्रश्रन्धि (३) अपत्रपा (४) अथवेश (५) वीर्य (६) अप्रमाद (७) उपेक्षा (6) ही () अलोम (१०) अहिंसा ।