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पृष्ठ:बुद्ध और बौद्ध धर्म.djvu/७७

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बुद्ध और बौद्ध धर्म =१ यूकः Com ७ अविरजः -१ गोरजः ७ गोरजः =१ वातायनछिद्र ७ वातायनछिद्र =१ लिक्षा ७ लिक्षा यूक १ वयः ७ वयः =१ अंगुलि पर्व इस प्रकार संसार के नदी, पहाड़, समुद्र आदि सव पदार्थ वने हैं। बौद्ध दर्शन में परमाणु जीवित वस्तु है, और इनमें पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल इनके गुण रहते हैं। इस प्रकार संसार की सब वस्तुए इन चार परमाणुओं से बनी हैं। रूप विषय-रूप दो प्रकार का है, वर्ण और संस्थान । एक प्रकार से उसके २० भेद भी किये गये हैं,वणं के १२ और संस्थान के ८ । मूल वर्ण चार हैं-सफेद, लाल, नीला और पीला । शेष आठों रंग उन चारों के मेल से बनते हैं। संस्थान ८ प्रकार के हैं-लम्बा, गोल, छोटा, चौकोर, ऊंचा, नीचा, सीधा और टेढ़ा । शब्द विषय-वह है, जिसका ज्ञान श्रोत्र-इन्द्रिय से होता है। इसके दो भेद हैं-उपात्त महाभूत का शब्द, जिसमें ज्ञान-शक्ति है और अनुपात महाभूत का शब्द जिसमें ज्ञान-शक्ति नहीं है। इन दोनों शब्दों के दो-दो भेद हैं। एक तो सत्व संख्यात जो सुना. जाय और दूसरा असत्व संख्यात जो न सुना जाय । पहले का उदाहरण है ग्रामोफोन और दूसरे का आकाशवाणी। फिर इनमें से प्रत्येक के दो-दो भेद हैं-सुख शब्द और दुःख शब्द ।