पृष्ठ:भामिनी विलास.djvu/१९१

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जाहिरात।

वाल्मीकीय रामायण।

श्रीवाल्मीकीय रामायण २४००० ग्रंथका सरल सुबोध ब्रजभाषाटीका बनवाकर छापके तैयार है जिसके बीचमें मूल और नीचे ऊपर भाषाटीका है. और एक वाल्मीकीयरामायणका भाषावार्तिक छपा है. जिसमें मूलके अनुसार यथावत् भाषा करके मूल श्लोकोंके अंकभी लगादिये गये हैं. रामायणकी कथा पढ़नेवालोंको पुराण बांचनेमें बहुत उपयोगी होगा.-जिन महाशयोंको लेना होवे २५ रु॰ भेजदेनेसे भाषाटीका सहित इस पुस्तकको अपने स्थानपर पा सकेंगे और भाषावार्तिकको १० रु॰ भेजनेंसे पा सकेंगे. महाशयहो! इस अलभ्य लाभको शीघ्रता करिये. (इसके सब सातही काण्ड बाल, अयोध्या, अरण्य, किष्किन्धा, सुन्दर, युद्ध, और उत्तर ए) और रामायणमाहात्म्यभी भाषाटीका सहित छपे हुये तैयार हैं, जिनकी इच्छा हो मँगालीजिये.

सामुद्रिक शास्त्रम्।

संस्कृत मूल और भाषाटीका व अन्वयार्थ सहित।

यह अत्युत्तम अनुपम ग्रंथ बहुतही सुंदर मनहरन मनोहर भाषामें छपा है मूलका टीका सुबोध सरल