(सन् १५५६ ई॰ से सन् १६०६ ई॰ तक)
१—भारत में जितने मुसलमान बादशाह हो गये हैं अकबर सब से अच्छा था। उसका पूरा नाम जलालुद्दीन महम्मद था।
उसके पिता हुमायूं ने उसके जन्म के समय उसे अकबर की पदवी दी थी। अकबर का अर्थ है, सब से बड़ा, और बास्तव में यह बादशाह और सब बादशाहों से ज़बर्दस्त हुआ है। उसने पचास बरस राज किया। जिस समय महारानी इलीजबेथ इंगलिस्तान की मलका थी अकबर उसी समय भारत में राज करता था। तीन सौ बरस बीते कि यह दोनों एक ही समय में इस लोक से परलोक को सिधारे थे।
२—पिता की मृत्यु के समय अकबर की आयु कुल तेरह बरस की थी। चारों ओर बैरी ही बैरी दिखाई देते थे परन्तु उसका सेनापति बैरम खां बड़ा राज-भक्त था। वह एक तुर्की सरदार था और सोलह बरस की अवस्था से उसके बाप के दरबार में नौकर था और उसकी बुआ के साथ ब्याहा था। पहिले पहिल उसको हेमू से युद्ध करना पड़ा था। हेमू अपने को महाराजा विक्रमादित्य कहने लगा था। उसने जो सुना कि बैरम खां अकबर के साथ लाहौर में है तो सेना लेकर दिल्ली को आधीन करने के लिये