पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/२३

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४—वेदों का समय
(ईसा के पहिले २००० से १५०० तक ।)

१—जब आर्य पंजाब में आये तो उनको यह देश कोल द्रविड़ और दूसरी जातियों से भरा मिला, जिनका अब कोई नाम तक नहीं जानता। आर्यों को उनसे बड़ी लड़ाइयां लड़नी पड़ी। इनका हाल वेदों में आया है। पर आर्य कम थे, पुराने रहनेवाले गिनती में बहुत थे। यह जान पड़ता है कि कुछ दिन पीछे आर्यों ने उनसे मेल कर लिया और उनके साथ नातेदारियां जोड़ने लगे। उस समय में जाति पांति का बिचार न था।

२—आर्य लोग धीरे धीरे पंजाब में फैल गये; बन काटे, खेत बनाये, जौ गेहूं की खेती की; जो लोग देश में पहिले से बसे थे उनसे लड़े; कभी आपस में भी लड़ बैठते थे। आर्य पंजाब में सब एक साथ नहीं आये, समय समय पर भिन्न भिन्न कुल आकर बसते गये। जो पहिले आये उन्हों ने उपजाऊ धरती अपने बस में करके अच्छे अच्छे घर बनाये। पीछे आनेवालों ने चाहा कि उनसे घर और धरती छीन लें। इसपर बड़ी लड़ाइयां हुईं जिनका हाल पोथियों में लिखा है।

३—हम यह नहीं कह सकते कि आर्यों का सब से पहिला कुल हिन्दुस्थान में कब आया और कितने दिनों में उसने सिन्धु की तरेटी पर अपना अधिकार जमा लिया। विद्वानों का यह मत है कि इस बात को लगभग ४००० बरस हुए होंगे अर्थात् ईसा से २००० बरस पहिले आर्य पहिले पहिल खै़बर की घाटी होकर हिन्दुस्थान में घुसे। विद्वान लोग यह भी मानते हैं कि आर्यों को यहां के असली रहनेवालों से लड़ते भिड़ते सरस्वती नदी तक