महाराजा बिन्दुसार और महाराजा अशोकका राजत्वकाल ९८१ मनुष्यों और जन्तुओंके अशोक शायद भूमण्डलमें सबसे पहला राजा हुमा है जिसने सरकारी अस्पताल व्ययपर न केवल अपने अधिकृत देशमें वरन दक्षिण भारत और यूनानी एशियाफे प्रान्तमें भी उदारताका नद बहाया और दूसरे देशोंमें मेडिकल मिशन भेजे। बौद्ध-धर्मका महाराजा अशोकके जीवनका महान् कार्य खुद्ध धर्मका प्रचार था। उसने न केवल भारत. प्रचार। वर्षमें ही बुद्ध-धर्मको फैलाया वरन् पश्चिमी देशोंमें भी प्रचारक भेजे । संसारके समस्त धर्मों में बुद्ध धर्म सबसे पहला मिश्नरी धर्म हुमा और महाराजा अशोक सबसे पहला शासक था जिसने अपनी राजकीय सम्पत्ति और प्रति- पत्तिको धर्म-प्रचारमें लगाया, और जिसने इस धर्मकै प्रचारसे अपने लिये और अपने उत्तराधिकारियों और अपनी जातिक लिये किसी प्रकारका लाभ प्राप्त नहीं किया ! संसारके इति- हासमें धर्म-प्रचारका यह उदाहरण अद्वितीय और अनुपन है । दूसरे धर्मों में धर्म प्रचारके साथ देशोको लिया गया, दूसरे धर्मों के उपासना-मन्दिरों को गिराया और लूटा गया और उनके देशोंको अपने अधिकारमें किया गया। जैसा कि अब भी लोगोंका विश्वास है कि अञ्जीलका प्रचार यूरोपीय जातियोंकी सेनाका अग्रगामी होता है। बहुधा इतिहास-लेखक अशोककी तुलना ईसाई राजा कांस्टण्टाइनसे करते हैं। परन्तु कांसएटा. इन और अशोकके चरित्र और प्रचारकी रीतिमें बहुत अन्तर है। न्याय यह चाहता है कि अशोकको अपने ढगका एक अकेला । शासक समझा जाय जिसके समान दूसरा आजतक मनुष्य- जातिने उत्पन्न नहीं किया। कांस्टएटाइनके समयमें ईसाई धर्म प्रायः फैल चुका था।
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