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पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/६४

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भूगोल 30 नाम। आर्यावर्त और जैसा कि ऊपर लिख आये है, भिन्न भिन्न भारतवर्ष लोग इस देशको भिन्न भिन्न नामोंसे पुकारते है। हिन्दू-मायोंकी भाषामें इसके दो सर्वप्रिय नाम हैं- (१) आर्यावर्त, और (२) भारतवर्ष ।' आर्यावर्त इस देशके केवल उस उत्तरीय भागका नाम था जिसके उत्तर में हिमालय पर्वत, दक्षिणमें विन्ध्याचल, पूर्व में ब्रह्मा तथा वंगालको खाडी, और पश्चिममें अफगानिस्तान, बलोचि. स्तिान तथा अरवसागरका कुछ भाग है। मारतर्प उस सारे देशका नाम है जो हिमालयसे लेकर कुमारी अन्तरोप- तक जाता है, और पश्चिम तथा पूर्व में उपरोक्त देशोंके अति- रिक्त चंगालकी साडी योर अरबसागरसे घिरा हुआ है। हिन्दूस्तान । मुसलमानोंकी पुस्तकोंमें इस देशको हिन्द और हिन्दुस्तान कहा गया है। हिन्दूस्तान शन्द एक समास है जो अफगानिस्तान, बलोचिस्तान, तुर्किस्तान और जावलिस्तानके ढगपर दो शब्दोंसे मिलकर बना है। और हिन्द यह पुराना नाम है जो सब विदेशी जातियोंने बहुत प्राचीन कालसे इसे देरक्खा है। पुरानी रोमन और यूनानी पुस्तकोंमें इस देशके नाम इण्डो, इण्डीज और इण्ड आदि लिखे हैं। 'हिन्दू' उन्हीं शब्दोंका विगहा हुया रूप है। बहुत सम्भव है कि इसका यह नाम इण्डस नदीके कारण पड़ गया हो क्योंकि उसको संस्कृतमें सिन्धु नदी कहते हैं । इसी व्युत्पत्तिके कारण यूरोपीय भाषाओं में इस देशको इण्डिया कहा गया है। ईस्ट इण्डिया। चौदहवीं शताब्दी में अब कोलम्बसने भारतवर्षका सागर-पथ ढूंढ निकालनेका बीड़ा उठाया और