पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/२०३

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भारत का शासन और प्रबन्ध तहसीलदार कहते हैं। वह अपने इलाके पर इसी भांति हुकूमत करता है जैसे डिप्टी कमिश्नर ज़िले पर। सैकड़ों तहसीलदार है और वह सब के सब हिन्दुस्थानो हैं। वह बड़ी मिहनत के साथ चुने जाते हैं। वह लोग सब पढ़े लिखे होते हैं। सारे कानून का ठोक ठीक पालन आर ज़मींदारों की रक्षा तहसीलदार को ईमानदारी और योग्यता के आधीन है। (३) लोकल सेल्फ़ गवर्नमेण्ट (स्थानीय स्वराज्य) १–भारत खेतिहर देश है। गांवों की अपेक्षा इसमें बड़े शहर बहुत थोड़े हैं। अगले दिनों में हर गांव में अफ़सर थे। लम्बरदार सब से बड़ा होता था जिसे कहीं कहीं पटेल भी कहते हैं। वह गांव के बड़े बूढों की पञ्चायत की सहायता से भगड़ों का निपटारा करता था। इस के सिवाय गांव में एक पटवारी भी रहता था जो ऐसा हिसाब लिखता और काग़ज़ बनाता था जिनसे यह जाना जाय कि हर एक खेत का मालिक कौन है और हर किसान से कितना पोत मिलना चाहिये। ऐसे ही गांव में एक चौकीदार भी होता था। यह सब अधिकारी फसल कटने के समय ज़मींदारों से कुछ अनाज पाते थे को नगद तनखाह नहीं मिलती थी। २--आजकल इन लोगों को भी और सरकारी नौकरों की तरह नगद तनखाहें मिलती हैं और वह सब तहसीलदार के आधीन रहते हैं। ३-स्थल और जल सेना, पुलिस, नहर, रेल, सरकारी इमारतों और सड़कों आर देश की भलाई के बड़े बड़े कामों का कायम रखना, भीतरी और बाहरी व्यापार को रक्षा और उन्नति, सिक्का । किसी HIST. PT. II.--13