पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/९१

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बनाया आगरे का विलियम बेण्टिङ्क ४-वह देश जो १८०१ ई० में अवध के नवाब ने अंगरेजों को भेट दिया था और वह देश जो सिन्धिया से ले लिया था दोनों को मिला कर एक लेफ़टिनेण्ट गवर्नर के आधीन पश्चिमोत्तर देश का सूबा गया जो अब सूबा कहलाता है। ५-पश्चिमीय घाट पर मैसूर के पश्चिम में कुड़ग का छोटा सा पहाड़ो देश है। हैदर अली और टीपू सुलतान दोनों ने इस देश को जीता पर दोनों के हाथ से निकल गया क्योंकि वहां की प्रजा बार बार विद्रोह करती थी। टीपू सुलतान के मरने पर कुड़ग का राजा निश्चिन्त हो गया। उसके पोछे जो दो राजा हुए उनका प्रबन्ध बुरा था। बेण्टिङ्क के समय में जो राजा शासन करता था वह पहिले के सब राजाओं से खोटा था। उसने सैकड़ों आदमी मरवा डाले, अपने भाई बहिनों को भी जीता न छोड़ा। कोई अपना पराया न था। जिस से हो सका देश छोड़ कर चला गया। कई अंगरेज़ी अफ़सर उसके पास यह कहने को भेजे गये कि तुम किसी को गोद ले लो पर उसने किसी की न मानो ; अन्त को १८३४ ई० में बेण्टिङ्क ने कुड़ग में अंगरेजी सेना भेज दो। राजा के सिपाही बड़ो बीरता से लड़े पर राजा भाग कर बन में छिपा और फिर पकड़ा गया। गवरनर जनरल ने कुड़ग के सरदारों को यह माझा दो कि अपना राजा आप चुन लें। सब ने मिल कर यह प्रार्थना की कि राजा को आवश्यकता नहीं है ; सरकार कम्पनी आप कुड़ग का प्रबन्ध करे। गवर्नर जनरल ने यह प्रार्थना मान ली और कुड़ग सरकारी अमलदारी में मिला लिया गया। तब से यह आशा है कि कुड़ग के रहनेवाले हथियार बांधे। उनको लैसेन्स लेने का काम नहीं। Hist. PT. II.-6