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भारतेंदु-नाटकावली

साहब तीन घंटे में एक सतर लिखते हैं, उसमें भी सैकड़ों गलती। लक्ष्मीसिंह और शिवसिंह अच्छा काम करते हैं और अच्छा प्रयाग लाल भी करते हैं; पर वह पुलिस के शत्रु हैं। और विष्णुदास बड़े Cunning chap हैं। दीवानराम हई नहीं, बाकी रहे फिजिशियन सो वे तो अँगरेज ही हैं, पर भाई कई मूर्खों को बड़ा अभिमान हो गया है, बात-बात में तपाक दिखाते और छः महीने को भेज दूँगा कहते हैं।

बालमु०---मैं कनमचाप नहीं समझा।

रामचंद---कनिङचैप माने कुटीचर।

( नेपथ्य में )

श्री गोविन्दराय जी की श्री मंगला खुली। ( सब दौड़ते हैं )

( जवनिका गिरती है )

इति मन्दिरादर्श-नामक प्रथम गर्भांक