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सतीप्रताप
कह सकते। इतना मात्र निश्चय जानो कि अंत में सब कल्याण है।
द्युमत्सेन--जो आज्ञा।
नारद--अब हम जाते हैं।
(गान चाल भैरव, ताल इकताला वा बाउल भजन की चाल पर ताल आड़ा)
गोविंद गोविंद केशव केशव गोपाल गोपाल माधव माधव।
हरि हरि हरि वंशीधर वंशीधर श्याम।
नारायण वासुदेव नंदनंदन जगबंदन।
वृंदावन चारु चंद्र गरे गुंजदाम॥
'हरीचंद्' जन-रंजन सरन सुखद मधुर मूर्ति
(नृत्य और गीत)
(जवनिका गिरती है)
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भा० ना०-३८