पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/११२४

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-सं० हिन्दी प्रदीप का लेकचर आप अवश्य छाप सकते हैं। "अंधेर नगरी" यदि आप मेरे तरफ से छापना चाहिए तो ५०० कापी मैं लूंगा परन्तु छपाई इत्यादि अवश्य दूंगा। यदि आप स्वयं अपना चाहे तो में १० कापी लूगा वाकी आप बेच लें। कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह वही विक्रम हो । यह बंगला के जयदेव जी के जीवनचरित्र में लिखा है कि "हरिदास हीराचंद्र बंबई वाले ने लिखा है कि "ये विक्रम के दबार में थे" मेरी भी यही सम्मति कि यह वहीं विक्रम है क्योंकि यह वह विक्रम नहीं हो सकते जिनका संवत चलता है । जयदेव जी के सन के कई सौ बाद हुए है। राजा शिवप्रसाद ने भारतेन्दु बाबू को अपना फोटोग्राफ देने को कहा था। फोटोग्राफ मांगने के लिए लिखा गया रुक्का। महाराज कुमार लाल खंग बहादुर मल्ल की विद्योसाहिता, शील देख कर मैं बड़ा प्रसन्न हूँ । उनका एक पत्र और एक नाटक मेरे पास भी आया है हमारी उनसे मिलने की बड़ी इच्छा है ईश्वर करे वे शीघ्र ही आवै। बूंदी की बंशावली जाती है। इस समय मित्र लिखित पुस्तकों के छपने की बहुत आवश्यकता है। लोग बहुत ढूंढ़ते हैं। १. सत्य हरिश्चंद्र एक बेर मुद्रित इसकी बहुत मांग आती है । २. विद्यासुन्दर एक बेर मुद्रित इसकी ५० कापी गर्वनमेंट लेगी। ३. कपूरमंजरी एक बेर मुद्रित । ४. प्रेम फुलवारी एक बेर मुद्रित इसकी बहुत ही मांग आती है। ५. भारत दुर्दशा (क० व० सु०) में मुद्रित । भवदीय - हरिश्चंद्र श्री बाबू साहिबप्रसाद सिंह प्रियवर आपका छपापत्र आया था परन्तु मेरी माता का देहांत गया इससे पत्रोतर में विलंब हुआ क्षमा कीजिएगा। बूंदी की राज वंशावली का 'नोट" और दोहे भेजे जाते हैं । यह इतनी ही है । इसमें एक गलती है उसे बना लीजियेगा । वह यह है कि "टाड साहब के मत से हर्षिराय" इसके आगे जीसन लिखा है उसको ७५५बना दीजिये । "अंधेर नगरी का एक दृश्य यहीं रह गया था वह जाता है । इसे शीघ्रता से मुद्रित कीजिए क्योंकि ७ फरवरी को यह नाटक महाराज डुमराव के यहां खेला जायेगा उस अवसर पर बांटने के लिए इसकी आवश्यकता है, अतएव इसका प्रूफ बहुत ही शीघ्र भेजिए । ५ -हरिश्चंद्र परिश्रम देना क्षमा कीजिएगा । और भक्तमाल भी भेजिएगा । भारतमित्र के सम्पादक भी टाड साहिब का राजिस्थान छापना चाहते है दोनों जगह छपना अच्छा न होगा आप उनको पत्र लिख ते कर लें। -हरिश्चंद्र "इसी और के मुताबिक जवाब दीजिएगा । कमाल शौके मुलाकात उसने लिखा है। चलूं मैं आप ही कासिद जवाब के बदले ।। उन्होंने लिफाफे में अपना फोटोग्राफ रख दिया और मेरे रुक्के को काट दिया । "इसी और के मुताबिक जबाव दीजिएगा, दिया है, कमाल शौके मुलाकात उसने लिखा है चला मैं आप ही कासिद जबाव के बदले।" PARA मारतेन्दु समग्र १०८०