पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१०७

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६६ भारत की एकता का निर्माण गर्व कर सकते हैं। लेकिन आज अगर आप उल्टे रास्ते पर चलें तो आप गिर जाएँगे । आज तो यहाँ डेमोक्रेसी है, लोक-शासन है। उसमें लोक का साथ नहीं होगा, तो कुछ भी नहीं होगा। तो जो गलत रास्ते पर चलते हैं, उनको समझाना आपका काम है। और अगर वे न मानें तो आप को उनका साथ नहीं देना चाहिए, बल्कि कोशिश करके उन्हें रोकना चाहिए । यदि आप नागरिक अपना फर्ज नहीं बजाते, तो स्वराज्य मिला न मिला, एक बराबर है। उससे हमारा देश गिर जाएगा। मैंने जितनी बातें आप लोगों के सामने रखी हैं, उन पर आप गहराई से सोचें। आप अपनी ज़िम्मेवारी उठाने के लिए कोशिश करें। मेरे दिल में जो आग भरी है, वह मैं आपके सामने रखता हूँ। यह इसलिए कि जो मौका हमें मिला है, उसका हम पूरा फायदा उठावें । ईश्वर आपका कल्याण करे ।