पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/११३

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Pop भारत की एकता का निर्माण कर हिम्मत से इसका मुकाबला नहीं करेंगे, तब तक काम नहीं चलेगा। मगर उसका मतलब यह नहीं है कि आप कानून अपने हाथ में लेकर उसको सजा देने लग जाएँ। तब तो उससे भी बुरा होगा। क्योंकि तब तो जैसे वह पागल हो गया, वैसे ही हम भी पागल बन जाएँगे। तो कानून में हस्तक्षेप किए विना हमें इन चीजों का विरोध करना चाहिए। अगर हमारे घर में ऐसे छोटे बच्चे हों, हमारे घर में ऐसे नौजवान हों, जो उसी रास्ते पर जाना पसन्द करते हों, तो उनको कहना चाहिए कि यह बहुत बुरा रास्ता है और तुम हमारे साथ नहीं रह सकते। इस तरह साफ़ बात न करें, तो ये चीजें बढ़ती जाएंगी। ऐसे मौकों पर इसी तरह लाखों आदमी तो जरूर जमा हो जाते हैं, लेकिन चन्द दिनों के बाद अगर असल चीज़ भूल गई, तो फिर उस से भी बुरा नतीजा आएगा। तो गान्धी जी ने कोशिश करके हमको आजादी तो दिलवाई । लेकिन उसके बाद जिसने आजादी दिलवाई, उसको भी हमारे सामने मरना पड़ा। यह बहुत बुरा काम किया गया। जिन लोगों ने यह काम किया, गवर्नमेंट की तरफ से उसकी पूरी खोज की जाएगी । लेकिन सरकार की इस कोशिश में, आपको साथ देना हो और अपना धर्म बजाना हो, तो आप को इस चीज़ के प्रति अपनी नापसन्दगी और घृणा बतानी चाहिए । जब में इधर आ रहा था तो एक भाई ने मेरे पास चिट्ठी भेजी कि कम्युनिस्टों का एक जुलूस निकला, उस जलूस में वे कहते थे कि हम बदला लेंगे। यदि फिर भी हम इस ढंग से काम करेंगे तो माना जाएगा कि गान्धी जी की बात जिन्दगी भर तो हमने सुनी नहीं, मानी नहीं, लेकिन मरने के बाद भी उसे नहीं माना। बदला लेना हमारा काम नहीं है। इस तरह से बदला नहीं लिया जाता है। वैसा किया गया तो हम लोग गलत रास्ते पर चले जाएँगे। तो न किसी को मारना, न किसी के घर पर हल्ला करना और न किसी को पीटना । लेकिन यदि आपको कोई चीज़ मालूम हो तो तुरन्त हुकूमत को बता देना चाहिए कि इस प्रकार लोग काम करते हैं। तो इन लोगों को रोकना चाहिए कि वे ऐसा काम न करें। जो बुरा काम करता है, उसको रोकना, उसको ठीक- तरह से रोकने की कोशिश करना हमारा काम है। लेकिन इस तरह से कोई बदला लेने की बात करे, तो उसकी बात हमें नहीं सुननी चाहिए। आज हम लोगों को इतनी सालों की कोशिश के बाद जो कुछ मिला है, गान्धी जी ने जो