पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/११४

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गांधी जी की शोक-सभा में कुछ दिलवाया है, वह चीज़ हमें फेंक नहीं देनी है। यह थाती गान्धी जी हमारे पास रख गए हैं। इसको हमें ठीक तरह से चलाना है। इसके लिए हमें गान्धी जी के बताए हुए मार्ग को समझकर उस रास्ते पर चलने की कोशिश करना है। यही हमारा कर्तव्य है। हम ईश्वर से माँगें कि वह हमें उस रास्ते पर चलने की शक्ति दे।