पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१३५

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१२० भारत की एकता का निर्माण -- लिए यह जो इतनी कोशिश की, वह क्या किसी मजहब पर हल्ला करने के लिए की? नहीं। हमने तो उनके मजहब पर भी कभी किसी तरह की बदनीयती नहीं की थी, जो हम से अलग हो गए हैं। उन्होंने वहाँ पाकिस्तान तो बनाया है, लेकिन आज भी पाँच-सात हजार मुसलमान जेल में पड़े हैं। खान अब्दुल गफ्फार खान बादशाह को भी उन्होंने जेल में बैठा दिया है। उसने मुल्क को आजाद कराने में जितनी कुर्बानी की, उतनी और किसने की, यह मुझे बताइए तो सही? लेकिन उसको भी आज जेल में बैठना पड़ा । और फ्रान्टीयर ट्राइब के बहुत-से लोगों को जेल में बिठाने के बाद, उन ट्राइबों के ऊपर बजीरिस्तान में बम गोला किसने फेंका ? वह कोई दूसरे मजहबवाले तो नहीं फेंक रहे । मुझे याद है कि इण्टैरिम गवर्नमेण्ट (अन्तरिम सरकार) के जमाने में जब कांग्रेस और लोग साथ मिलकर हिन्दुस्तान की गवर्नमेंट चलाते थे, तब एक समय यह मौका आया था, जब हमारे फ्रान्टीयर से गवर्नर ने प्रोपोजल (प्रस्ताव) भेज था कि हमें वजीरिस्तान पर बम फेंकने पड़ेंगे । तब हमारे प्राइममिनिस्टर ने विरोध किया था कि ऐसा नहीं हो सकता। यह ठीक नहीं। और जो साहब आज पाकिस्तान के प्राइममिनिस्टर हैं, उन्होंने कहा था कि हम मुसलमानों पर बम्ब करने के लिए थोड़े ही सैन्कशन (अनुमति) देंगे। पर जब सत्ता आती है, तो सारी शक्ल बदल जातीहै । तो आप यह समझ लीजिए कि हम किसी के मजहब पर हाथ फेंकनेवाले नहीं हैं। आप यह भी समझ लीजिए कि यहाँ, हमारे देश में, हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, क्रिश्चियन और पारसी सभी के सब काम सलामत हैं। हमारा यह सैक्यूलर स्टेट ( धर्म निरपेक्ष राज्य ) है । मज़हब के नाम से पोलिटिक्स में कभी दखल नहीं करना चाहिए। मजहब को अपने रास्ते पर चलने दो। अगर कभी आपको अपने मजहब के ऊपर कोई खतरा मालूम हो, तब हमारे पास आओ। हम आपको छोड़ के कहाँ जाएँगे? आपके बिना हम कैसे आगे चलेंगे? मान लीजिए कि सिक्ख धर्म के ऊपर कोई खतरा आया, तब क्या पटियाला महाराज से बढ़कर किसी और को सिक्ख धर्म के लिए ज्यादा दुख होगा? वह क्या हम उनको चैन से बैठने देंगे ? हमारी और उनकी दोस्ती क्या ऐसी ही है ? आप लोगों से कहना चाहता हूँ कि मिनिस्ट्रियों को तोड़ने-फोड़ने की यह खटपट छोड़ दो। आज हमारे पास और जरूरी काम पड़ा है। आपके साथ ही वाले ईस्टर्न पंजाब (पूर्वी पंजाब ) में हमारी हुकूमत है।