पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१३८

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पेप्सू का उद्घाटन, पटियाला हमें जल्दी-से-जल्दी करना है। उस चुनाव में जो पार्टी जीतेगी, उसका जो लीडर होगा, वह आपका मुख्य मन्त्री बनेगा । लेकिन आज तो हमारे पास वैसा कोई साधन नहीं है । आज जब एक आदमी चुनना है, तो वह बोझ हमारे ऊपर नहीं डालना चाहिए। क्योंकि फिर उसमें से लोग कहने लगेंगे कि इस सरकार को तो महाराजा ने हम पर डाल दिया, या सैन्ट्रल गवर्नमेंट ने हमारे ऊपर लाद दिया। हम ऐसा नहीं कहलाना चाह्ते । आप को हम पूरा मौका देना चाहते हैं। आप एक हफ्ता ले लें, दो हफ्ते ले लें, उससे ज्यादा टाइम न लगाना चाहिए। मुझे उमीद है कि आप जल्दी-जल्दी वह काम खत्म करेंगे। इसी में आपकी भलाई है। इसी में आपकी भी इज्जत है और हमारी भी इज्जत है । अब मैं पटियाला महाराजा को सौगन्ध दिलाने का काम शुरू करता हूँ। ( तालियां।) ( इसके बाद सौगन्ध दिलाई गई। )