पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/१८६

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१६६ चौपाटी, बम्बई नहीं होगा, तो हमारी गाड़ी चल नहीं सकेगी । आज दुनिया में सारा खेल पैसे का है और पंसा केबल नासिक के कारखाने में नोट छापने से नहीं बनता। अगर ऐसा किया जाए, तो वह एक तरह की कृत्रिम चीज होगी और उसमें बहुत नुकसान होगा। उसे रोकना है। बह इस तरह से कि सबको थोड़ा-थोड़ा कष्ट उठाना पड़ेगा। धनी को उठाना पड़ेगा, मजदूर को उठाना पड़ेगा, व्यापारी को उठाना पड़ेगा, किसान को उठाना पड़ेगा । सब को यह समझ लेना चाहिए कि यह फायदा करने का समय नहीं है, और देश की भलाई के लिए हमारे कंधों पर जो थोड़ा-थोड़ा बोझ पड़ता है, उसे हमें खुशी से उठाना चाहिए। इसलिए बम्बई में रहने वाले जो कारखानों के लोग हैं, मिल मालिक लोग हैं, उनसे भी में अपील करना चाहता हूँ कि यदि आपसे कोई कहता है कि हम धनी को खत्म करना चाहते तो उससे हमें डरना नहीं चाहिए। क्योंकि आपको समझना चाहिए कि धनी को खत्म करने से यदि दूसरी जगह धन पैदा हो, तब तो ठीक है। नहीं तो यदि धन पैदा करने वालों को खत्म कर दो, तो हिन्दुस्तान ही खत्म हो जाएगा। जो ये बातें करते हैं, वे अपनी लीडरशिप रखने के लिए ही ऐसी बातें करते हैं। उनसे आपको घबराना नहीं चाहिए। पर आपको यह ज़रूर समझना चाहिए कि आज सच्चे दिल से हिन्दोस्तान का साथ देने का समय है । और आप लोगों को यह भी समझ लेना चाहिए कि यदि आप लोगों को थोड़ी सी भी बदनामी हुई, तो आपकी सारी प्रतिष्ठा चली जाएगी, सारी इज्जत चली जाएगी। जब कपड़े पर से हमने कंट्रोल उठाया, तब जो परिणाम हुआ, उसमें चाहे कोई भी गुनहगार हो, किसी का भी कसूर हो, पर यदि आप का भी उसमें हिस्सा है, तो आपने बड़ी भारी गलती की है। आज व्यापारी लोग मारे-मारे फिरते हैं, इनके साथ उनके गुमाश्ता लोग भी मारे-मारे फिरते हैं। वे बेकार हो गए हैं, यह मैं जानता हूँ। मगर उसमें हमारा सबका कसूर है। इस सवाल को यदि हल करना हो, तो सबको बैठ कर हल करना चाहिए। आपको देखना चाहिए कि सरकार क्या चाहती है ? वह किसकी गवर्नमेंट है ? क्या वह पराई सरकार है ? क्या बह परदेस को पैसा भेजना चाहती है ? क्या वह स्वार्थ के लिए कुछ कर रही है ? हमारे लीडर प्राइम मिनिस्टर ) की दुनिया में इतनी तारीफ और इज्जत हो रही है। निसने सारी जिन्दगी इतनी कुर्बानी की, जो दिन रात इतनी मेहनत कर अपनी