पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/४२

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लखनऊ अगर हम इस तरह से गाफिल रहेंगे, तो हम भी मार खाएँगें। हम कहते हैं कि हमारे यहाँ जो चार करोड़ मुसलमान पड़े हैं, उसके हम ट्रस्टी है। तो मैं हिन्दू भाइयों से, जो हमारे आर० एस० एस० वाले नौजवान भाई है, उनसे भी कहना चाहता हूँ कि आप लोग कुछ दिमाग से काम लीजिए, अक्ल से काम लीजिए और समझ से काम लीजिए, जिससे हमारा भी काम हो जाए और दुनिया में हमारी बदनामी भी न हो, इस तरह से हमें काम करना चाहिए। यदि आपको लड़ाई की ख्वाहिश हो, और आपको लड़ना ही हो तो उसके लिए लड़ाई का मैदान पसन्द करना चाहिए, लड़ाई का मौका पसन्द करना चाहिए और लड़ाई का सामान पूरा करना चाहिए । बेमौके से जो काम करता है, जो बेवकूफी से काम करता है, वह अपना सारा काम गँवा देता है । तो मैं यह कहना चाहता हूँ कि जो चार करोड़ मुसलमान इधर पड़े हैं, उनके साथ छेड़खानी कभी न करो । जितनी छेड़खानी आप करेंगे, उतना ही हमारे ऊपर बोझ पड़ता जाएगा, क्योंकि एक तो उसके लिए हमें ज्यादा पुलीस रखनी पड़ती है। हमारे संभालने की चीज़ तो वहाँ पड़ी है, इधर क्यों संभालते हो ? इनको इधर आराम से रहने दो। जिनके दिल में पूरी वफादारी नहीं होगी, वे आप ही चले जाएँगे, वे इधर रह ही नहीं सकते। इधर इतनी गरमी होगी कि वह हट जाएगा, इधर रहेगा ही नहीं। लेकिन अगर आप उनको इस तरह से बार-बार और बुरी तरह से परेशान करते रहोगे, तो जो हमारे साथ हैं, वे भी चले जाएंगे । वह हमारे लिए कभी अच्छा नहीं होगा। यदि एक भी ऐसे मुसलमान को, जो हिन्दोस्तान के प्रति वफादार ह और जिसने हमारी आजादी की लड़ाई में हमारा साथ दिया और हमारे साथ मुहब्बत से रहा है, यहाँ से जाना पड़ेगा, तो उससे बड़ी शर्म की और वात कोई नहीं होगी । यह बहुत ही बुरी बात है । यह चीज हमें समझनी चाहिए। लेकिन जितने मुसलमान इधर दो घोड़ों पर सवारी करनेवाले हैं, उनमें से एक-एक को यहां से जाना पड़ेगा, उनमें से कोई इधर रह नहीं सकेगा। तो हमें इस तरह से काम करना है कि हिन्दोस्तान में रहनेवाले मुसलमानों से साफ-साफ कह देना है कि आप कहते हैं कि हम वफादार है, तो जबान से कहने भर से काम नहीं चलेगा। लीगवाले बार-बार कहते हैं, पाकिस्तान गवर्नमेंट बार- बार कहती है कि इधर जो माइनोरिटी ( अल्पमत) है, हम उसकी रक्षा करने