पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२२

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1३६६ मते २५३ निकालें कश ११६' और १०३६ वी रहत है। परन्तु एक तो वि० स० और श स का आपका अन्तर १३५ हैं और ऊपर लिये दोनों सवतका अन्तर १२६ ही आता है। दूसरा पहल रिस्ते अनुसार अगर यसेन का प्रारम्भ वि० सम् ११३६ और श) १० १०४१ में मानें तो इन न ( वि० सं० ११६५ र दाम • १०३६ ) में नश १४ र ५ को फर्म रहता है । इसलिये विद्यापति क्षेत्र सवर् इफ नहीं हैं। छाते । दमणगेन सब ३९३ में भरनार्गक अनुसार चिंक्रमणबत् १४६९ और श० स० १३३४ और दिनपनिका लेखसे वि० स० १४५६ र श० स० १३५१ ग्ते हैं। | उपर अने मन् £59 के पहले सत्र नाम नहीं दिया है। अगर इगो हिनी सतु मानें त्रय भी वि. स. १६५५ में हि० से ४६ था ३०५ नी । इम ज्ञ|हिर होता है कि आरा नागप्रचणभाफी कामे इन पर पर और गद्दी किया गया है। | मग या शाकद्वीपीय ब्राह्मण । सेनाकै इतिहरने मग या इकट्ठपाच वृद्मदा भी बन गया है । नपूरःनेके सेपर और भौजक जाति लोग अपने मामा हुने हैं। परन्तु नमान्की सेवा करने के सवाल धनकी वृतिक कारण उनके घर के जाने दूसरे मामी को अपने वशवर न ममते । जव मत् १८११ ची मममारी पार्क मारवाईं। जाईयो रिपोर्ट लि गर्दै भी तब संत्राने हिना था कि-" भराड मझये तो भूत हैं और रायमूर इतरे हुए मग झह्मण शाकहीं पके रहवाले हैं। यहाँके झाड़ा मन्दिरोगी पूझा नहीं करते थे। इमरिये अपनै बन्नलाये मुझे मन्दिर पूजा परने वाले कुन पुत्र साम्य शङ्खप्त न मग नृमोको रूया था और उनका विरःहू मोज शान्टिकी कन्यासँग उनषा यहाँकै माझमें मिल दिया था । इराक्ष मारा नाम छ र मौजा पम् मा । नैदा हो स म श य मायन है, और मुरम 2 जरुरत हमारी उगी हुई है नशा दिग्गन [मारी जपा है । इमक प्रम"में हलविन भविष्यपुग३ ये हैं-