पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२७५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

भारत प्राचीन राजवंश समय सपादलकै नामले प्रसिद्ध था। इसीका अप ' सत्रम् । वाइ अबतक अगर, नागर और समरके ये यहाँ पर प्रचलित है। सपाइलक्ष द्वारा कार्यं सवालाख है। अतः सम्भब है कि इस समय इन *धीनतने ग्राम हो । | इसके बाद इन्होंने अजमेर चमि बहूपर अपनी राजपनी काम्न की । तया इन्हींक एक शासाने नाडोल ( मारवा ) पर अपना ऊधार जमाया । इन शाके वंशन अचाक जैदी, हीदा और सिरोही रन्यके आधिपति हैं ।। १-चामान । इस वंशका सबसे पहला नाम यहीं मिलता है। इस विषयमें जो का? दिदा मिलता है वह हम पहले ही इन उत्पत्तिके देल्लर्ने स चुके हैं। २-यासुदेव । संह चौहान वंशन था । अवाबपुरसे आकर इसने भी ( समिर-नाराष्ट्र राप ) की झालर का धंकार कर ॐिया था । इससे इसके बाग फम्म वर हाय'। | प्रघन्कोदाकै अन्तः वैज्ञाव उसका समय हॅवत् ६०८ मि है ! जतः पड़े इझ नुको झक संच मान श्ा जाय तो उनमें ३५ जोड़ देने वि. सं. ११ में इस विद्यमान होना छि होता है। ३-सामन्तव.। यह यादव पुत्र और उत्तराधिकार का ।। (3) मुरीमद, दई ।।। २२८ |