पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२७९

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मीरत प्राचीन राजवैश बनवाकर उसपर सुवर्णका कलश चबाया और उसके निर्वाहार्य ! | गाँव बान दियै ! इस वीरताळे विषयमें हम्मीर-महाफास्यमें लिया है। Th, इस युद्धयानकें इम्य कटि, लाट ( माही कोर नर्मदा चीनका पदेश), चौल (मास), गुजरात मोर अंडू (पश्चिम बंगाल) * राजा तक घबरा जाते थे। इसने बने बार मुसलमानोंसे युद्ध किया एक बार इसने हातिन नामक मुलमान सेनापतिको मारकर उनके हाथी छीन लिये थे। इन्दौर इंद्याइनीचे पता बढ़ता है कि इसने अजमेर २५ मील दूर जैद्राणः स्नपर मुसलमान सैनापति इभइनको हराया था। इसने मासिनो हराकर उसके १३०० घोड़े छान ये थे। | नाम्नि सम्मयतः कुश्तींनी उपाधि । वि० सं० १:१० ( ई० स० ९३३)के पूर्वनक इमने कई वार मारत पर दवाइयों की थीं । | इ5के तीन पुत्र ६-३८हरान, दुर्लमराज, और गोविन्दराज । १५-विग्रहराज ( द्वितीय }।। | यह सिइरानका नद्रा पुन और उत्तराधिका था । हमने अपने | पिके राज्यको दृद्ध र उसईं वृद्धि । फ-4 साल राना मग्न होते हैं कि इसने गुजरात { ग्यालपटिण) के नाना मूलराग पर घाई म उसे यदि ( क ) के कंटे वरफ मग दिया और अन्तमें इममें अपनी - ना कर करवाई । यद्यपि गुजरात राज्ञाझी र नि कारण गुजरात इयिं इस विषय मन हैं, तथापि मम्नाङ्गदैन प्रचन्यचिंतामने इसका विस्तृत विवरण मैता है। (1) 14 काम, १ । | =