पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/३४१

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भारतके प्राचीन राज्ञयाः मृदा लॅपमें सफो नाम अपर लिखा है। उसमें यह भी हिंसा है कि मार्ग में इसके तहद्वारा गई सपना प्रसन्न होकर सिद्राज ( गुनग्रन चालुक्य अपसिंह ) ने इसके लियै नेङ्का फल रहा यो । उपर्युक्त बन्ना माले परमार राजा नरपर्म या उसके पूर येबम के समय हुई हो । त्यो अहिल्या के मार्ग दिरात र ३ मा फड यतः युद्ध होता हैं। 'ध } राम्मा है, उसमें अचान भी उपना परान्न म ाशित किया हो । १६ समग्र तीन लेग मिले हैं। फला नि० १० ११६७ (६० स० १११८) चैत्र शुक्ला ? का है। इनमें इसके उपराना नाम टुकरा लिया है। सरा ३६ ० १ १ १ ३२ झ १११५ ) है । इसमें ना है - तत्त [5] अम्तो अत प्रताप रात । अलरन्नि भिभारा [ गुन ] तिनुजा घर ।। १ ।। नं राति त [छ न त ।। नने सत्यागयौभाग्यनिदाद पुष्पात्रसित !! ५ ।। त पन र [म्य 1 शान्त नाम [६] तनात मारनाथस्य य यग्गामोपम ॥ ३ ॥ मित राजा विराजका पुत्र दुइ हुआ । एमी जागीर* लैंवड़ नानक गर्ने वीरनाथको मन्दिर है। | इन लेख में प्रकट होता है कि उस समय तक भी जश्वरान ईं भया था और उसने अपने पुत्र कुटुम्रान सर्न लिने उसे झU जार ६ रन 4 1 | हमारा वि० रा १३०० १६० स० ११५३ } का है । इष्टमें लिया है